धरना प्रदर्शन रोकना न्याय पूर्ण नहीं
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By Admin
Published - 02 December 2021 24 views
लखनऊ। आज फिर कोरोना के नए वेरिएंट के नाम का बहाना लेकर संगठनों के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है जबकि पूर्व से ही 600 महीने पढ़ाते हुए डेढ़ वर्ष तक के लिए कर्मचारी समाज के ऊपर आसमान का भारी दबाव पहले से डाला जा चुका है जो अंग्रेजों के जमाने से पहली बार ऐसा उदाहरण होगा कि एक साथ 18 माह तक asma लगाया गया हो अधिकारी बात सुनने को भी तैयार नहीं है अधिकारी समस्याओं को सरकार यदि निदान कर दे तो न तो हड़ताल की आवश्यकता पड़े और ना ही आंदोलनों की श्रंखला खड़ी हो अभी आपने देखा कि लाखों की भीड़ कर्मचारियों और शिक्षकों के द्वारा एकजुट करके इको गार्डन लखनऊ मेंअपना आक्रोश व्यक्त किया लोकतांत्रिक देश में और संविधान के प्रदत्त संगठनों के आंदोलन के अधिकारों के तहत इस प्रकार की इमरजेंसी लगाने का हम संगठनों की तरफ से विरोध करते हैं अब देखना यह है कि यह बड़े-बड़े सत्ताधारी दल और विपक्षी दल अपनी रैलियों सभाओं को किस प्रकार रोक पाते हैं संभवत उन्हें सभी को छूट मिली रहती है इससे ही कर्मचारी और शिक्षक समाज में आक्रोश पैदा होगा
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